बिहार के सीतामढ़ी में 8000 HIV मरीज, अब नाबालिग भी चपेट में; 400 से ज्यादा बच्चे संक्रमित, देखें पूरे देश HIV का पूरा डाटा
SSBNews
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बिहार के सीतामढ़ी में एचआईवी से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा होते जा रहा है। कल तक अधिक उम्र (30 से 50) के लोग इससे पीड़ित होते थे, पर अब यह जानकार हर किसी को ताज्जुब होगा कि नाबालिग भी इस लाइलाज रोग से पीड़ित होने लगे है।

जिले में कुल संक्रमित मरीजों में महिला और पुरुष की संख्या बराबर है। पुख्ता खबर है, पीड़ितों में 18 वर्ष से कम उम्र के करीब 400 लड़के-लड़कियां हैं। रिपोर्ट है कि 252 लड़का और 135 लड़कियां एचआईवी से संक्रमित पाए गए है। फिलहाल जिले में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 4954 है। ये सभी मरीज सरकार से मिलने वाली निशुल्क दवाओं का लाभ उठा रहे है।
किस प्रखंड में कितने लोग संक्रमित
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में बैरगनिया प्रखंड में 229, बोखडा में 156, बथनाहा मे 574, बेला में 194, चोरौत में 102, डुमरा मे 1107, मेजरगंज मे 281, नानपुर में 348, परिहार में 700, परसौनी में 158, पुपरी में 346, रीगा में 507, रुन्नीसैदपुर में 708, सुप्पी मे 177, सुरसंड में 409, सोनबरसा में 514 और बेलसंड में 474 मरीज एड्स से पीड़ित हैं।
यह है पूरे देश का डाटा
भारत में एड्स (HIV) के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है, 2024 के आंकड़ों के अनुसार लगभग 25.61 लाख लोग HIV के साथ जी रहे थे, जिनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सबसे अधिक मामले हैं, और यह संख्या धीरे-धीरे घट रही है, लेकिन यह अभी भी दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी HIV आबादी है, जिसमें महिलाएँ और युवा वर्ग (15-49 वर्ष) प्रमुख रूप से प्रभावित हैं, और UNAIDS के 2024 के अनुमान के अनुसार 2.6 मिलियन (26 लाख) लोग HIV के साथ जी रहे थे.
नवीनतम आँकड़े (2024-2025)
अनुमान कुल संख्या: लगभग 25.61 लाख (2.56 मिलियन) लोग HIV के साथ जी रहे हैं (2024 अनुमान).
लिंग के अनुसार: कुल संक्रमितों में 13.97 लाख पुरुष और 11.64 लाख महिलाएँ हैं (2024 अनुमान).
प्रभावित राज्य: महाराष्ट्र (3.99 लाख), आंध्र प्रदेश (3.10 लाख) और कर्नाटक (2.91 लाख) सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं (2024 अनुमान).
युवा आबादी: 15-49 वर्ष की आयु वर्ग के लोग संक्रमण के मुख्य वाहक हैं (2009 के अनुसार 83% संक्रमण इसी वर्ग में थे).
प्रमुख रुझान:
कमी: 2010 से 2019 के बीच नए HIV संक्रमणों में 37% की गिरावट आई है, और 2003 से कुल HIV मामलों में कमी आई है, 2024 तक यह संख्या 20 लाख से अधिक कम हुई है.
महामारी का नियंत्रण: भारत 2030 तक HIV/AIDS को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.
मुख्य कारण:
असुरक्षित यौन संबंध.
असुरक्षित इंजेक्शन (नशीली दवाओं के उपयोग के लिए).
संक्रमित रक्त और रक्त उत्पादों के माध्यम से (हालांकि अब काफी हद तक नियंत्रित).
उपचार:
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) के तहत, एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) केंद्र उपलब्ध हैं.
इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है. स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें.



