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मानव अधिकारों के उल्लंघन पर आयोग ने लिया संज्ञान, अफसरों से जवाब किए तलब

-मप्र मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष और सदस्य ने छह मामलों में लिया संज्ञान

भोपाल. मानव अधिकारों के उल्लंघन के छह मामलों में आयोग ने जिम्मेदार अफसरों से जवाब तलब किया है। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव कुमार टंडन ने प्रदेश में हाल ही में हुए छह मालों में संज्ञान लिया है।
इन मामलों में आयोग ने लिया संज्ञान
1. मुफ्त नहीं मिलते पैड: मप्र में वर्ष 2016 से मुफ्त सेनेटरी पैड देने के लिए उदिता प्रोजेक्ट चल रहा है। महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित आंगनवाडिय़ों में इसके लिए उदिता कॉर्नर बनाए हैं, यहां बाजार से कम दाम पर सेनेटरी पैड मुहैया कराए जाते हैं। शिकायत मिली है कि आंगनवाडिय़ों में सेनेटरी पैड नहीं हैं। इस मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
2. नहीं मिल रहा योजना का लाभ: मप्र में लाड़ली बहना योजना के लिए पंजीयन कार्य जारी है, पर प्रदेश के कई जिलों में हजारों महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें इसकी पात्रता नहीं मिल रही है। बांछड़ा, बेडिय़ा और सांसी समुदाय की इन महिलाओं के पास समग्र आइडी तो पर इनमें पति का नाम नहीं है। मंदसौर-नीमच में ऐसी महिलाओं की संख्या दस हजार से अधिक है। इस मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास से इस मामले में कार्रवाई कर पात्र महिलाओं को योजना का लाभ देने को कहा है।
3. यूनिफार्म का इंतजार कर रहे विद्यार्थी: नवीन शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद भी बैतूल जिले के सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों को यूनिफार्म नहीं मिल सकी है। जानकारी के मुताबिक यहां यूनिफार्म सिलाई का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। आयोग ने राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त से प्रकरण की जांच कराने और तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
4.कमीशनखोरी से अभिभावक परेशान: विदिशा जिले के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद अभिभावकों को बच्चों के लिए कॉपी-किताब, यूनिफार्म समेत जूते, टाई, बैग आदि की खरीदी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कई निजी स्कूल अभिभावकों पर दबाव डालकर तय दुकानों से इनकी खरीदारी करने को बोल रहे हैं। स्कूलों की इस कमीशनखोरी पर अंकुश लगाने के लिए आयोग ने राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त को प्रकरण की जांच करने और तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
5. नर्स ने मांगी इच्छामृत्यु: इंदौर निवासी और ग्वालियर के सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक नर्स पूनम सरनकर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बेटी के साथ इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। नर्स ने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर के डीन और जयारोग्य अस्प्ताल के अधीक्षक की प्रताडऩा से तंग आकर यह निर्णय लिया है। पीडि़ता का आरोप है कि उसे छह महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है। साथ ही अभद्रता समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। आयोग ने इस मामले में संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं से प्रकरण की जांच कर 15 दिन में जवाब मांगा है।
6. बेटी हुई लापता तो पिता-पुत्र को पीटा: छतरपुर जिले में 11 महीने पहले नाबालिग लडक़ी गांव के एक लडक़े के साथ चली गई। लडक़ी के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इधर आरोपी लडक़े का परिवार मामले में राजीनामा करने े लिए पीडि़तों पर लगातार दबाव बना रहा है। ऐसा नहीं करने पर पीडि़त परिवार पर हमला किया गया। आरोपियों ने बंदी कुशवाह और उसके बेटे मिजाजी कुशवाह की पिटाई कर दी। आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर छतरपुर एसपी से जांच प्रतिवेदन मांगा है।

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