हिंदी दिवस: राष्ट्रभाषा के गौरव का दिन
आज पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। हर साल 14 सितम्बर को यह दिन उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाता है जब वर्ष 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
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दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और सांस्कृतिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कहीं कवि सम्मेलन हो रहे हैं, तो कहीं वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने भी इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, एकता और पहचान का प्रतीक है, वहीं राष्ट्रपति ने युवाओं से अपील की कि वे हिंदी को आधुनिक तकनीक और डिजिटल दुनिया के साथ जोड़कर आगे बढ़ाएं।
सरकारी मंत्रालयों में भी हिंदी पखवाड़ा चल रहा है, जिसमें कर्मचारियों को हिंदी में कामकाज करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
हिंदी दिवस का उद्देश्य सिर्फ भाषा का सम्मान करना ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह एहसास कराना है कि हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है।



