अयोध्या में श्री राम का मंदिर, उस पर धर्मध्वजा ओर धर्मध्वजा पर सूर्य, ॐ ओर कोविदार का वृक्ष, सबकी अपनी अपनी खासियत
राम मंदिर पर लहराया PM मोदी ने धर्म ध्वज

अयोध्या के राम मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को धर्मध्वजारोहण किया है। इस ध्वजा को बनाने का काम अयोध्या की एक पैराशूट कंपनी ने की है। इस पर सनातन परंपरा के तीन प्रमुख प्रतीक सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष लगाया गया है। ये सिर्फ धार्मिक प्रतीक भर नहीं है, बल्कि यह तीनों प्रतीक श्रीराम के राजवंश से भी जुड़ा हुआ है। धर्मध्वजा पर प्रतीक बनाने से पहले साधु-संतों समेत सनातन के जानकारों से राय ली गई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राम मंदिर की धर्मध्वजा पर तीन विशेष प्रतीक हैं: सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष। ये तीनों प्रतीक सिर्फ धार्मिक संकेत नहीं, बल्कि सनातन धर्म की गहन दार्शनिक परंपरा और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन तीनों प्रतीकों का चयन श्रीराम के रघुकुल वंश की परंपरा का भी प्रतीक है।

सनातन परंपरा में सूर्य देव को जगत का पालनहार माना गया है। धर्मध्वजा पर अंकित सूर्य यह बताता है कि प्रभु श्रीराम स्वयं सूर्यवंशी थे और सूर्य की तरह प्रकाश व धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा कि सूर्य का प्रतीक शक्ति, तेज, सकारात्मक ऊर्जा और धर्मस्थापना का संकेत है। यह इस बात का संदेश देता है कि राम मंदिर मानवता को सत्य, प्रकाश और निरंतर ऊर्जा प्रदान करेगा।
ॐ सनातन धर्म का सबसे पवित्र और मूल बीज मंत्र है। यह शैव और वैष्णव दोनों परंपराओं को समाहित करता है। यह ब्रह्मांड की ध्वनि, चेतना और अनंत शक्ति का संकेत देता है। धर्मध्वजा पर ॐ का होना दर्शाता है कि राम मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि अध्यात्म, ध्यान और शांति का केंद्र भी है।

वृक्ष प्रतीक सनातन में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह जीवन, वृद्धि, स्थिरता और प्रकृति के संरक्षण का प्रतिनिधित्व करता है। राम वनगमन और प्रकृति से उनके गहरे संबंध को ध्यान में रखते हुए कोविदार वृक्ष को अंकित किया है। यह अयोध्या राजवंश की पहचान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराया। ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्थापत्य शैली में निर्मित शिखर पर फहराया गया। मंदिर के चारों ओर दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित 800 मीटर का परकोटा, इन सब से भव्यता और ज्यादा बढ़ गई, सभी के जयकारे जय श्री राम से गूंज उठी अयोध्या।




